पुरुष।।
पुरुष के लिए सफलता कोई विकल्प नही है।
यह उसके लिए जीवन और मरण का सवाल है।
सफलता में भी सरकारी मुहर को ही मान्यता है।
बिना सफलता प्राप्त किये पुरुष को पुरुष नहीं माना जाता। स्वयं एक स्त्री भी उसे स्वीकार नहीं करती।
कोई क्यूँ एक बेरोजगार को अपनी बेटी नहीं देता।
परंतु जैसे ही वह रोजगार प्राप्ति करता है।
घर के सामने लड़कियों की लाइन खड़ी होती है।
समाज और लोगों के लिए भी ये बात कोई मायने नहीं रखती।
खैर क्या सोचता हूं मैं भी पुरुषों की तो ये जिम्मेदारी है..!!
#अभी
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