कई रोज़ हो गए.... The heartful Shayari

उन्हें हमारे घर आए कई रोज हो गए,
किस्से सूने और सुनाए कई रोज़ हो गए।

वो रूबरू हुए थे जमाना गुज़र गया,
हमको भी मुस्कुराए कई रोज़ हो गए।।

किस बात की तकरार थी जाने क्या बात थी,
तुमको भी मुह फुलाए कई रोज़ हो गए।

कोई कह दे उनसे कि अब लौट आए,
अब तो हमे सताए कई रोज़ हो गए।।

अब तो बस इन्तज़ार-ए-मौत का है,
अब अश्को को छुपाए कई रोज़ हो गए।

अब इस जहा से जा रहे ह हम,
यू दर्द-ए-दिल दबाए कई रोज़ हो गए।।


#मोHit_Iyer

Post a Comment

Thank for supporting 🙏

Total Pageviews

[blogger]

Contact Form

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.
Javascript DisablePlease Enable Javascript To See All Widget