August 2020

कभी न मिलीमैंने उम्र तो पाई मगर वो जिंदगी कभी न मिली,शमा तो ख़ूब जलाया मगर रौशनी कभी न मिली।चाह में जिस नजर की हम रहे उम्र भर तन्हा,वो नज़र इस नजर से मगर कभी न मिली।।सिर्फ़ इक घड़ी ही सही जो देती सुकूँ ...Read more »

साँसे टूटकर बिखरने लगी हैंज़िन्दगी अब अखरने लगी हैं,साँसे टूटकर बिखरने लगी हैं,घरों से भीड़ निकलने लगी हैं।हर तरफ़ मेरे चर्चे हो रहें हैं,ज़िन्दगी सस्ती मौत पर खर्चे हो रहें हैं।अरसो बाद मेरी देह को चीर म...Read more »

मैं गीत लिखूँगा बादल पे, मीत तुम्हारी यादों में...बरसेगा तुम पर प्यार मेरा, सावन की इन बरसातों में,जो तुम न निकली कमरे से, तो खिड़की पर जा बैठेंगे।बूंद बूंद कर भर जायेगा, मेरा प्यार तुम्हारे हाथों में,...Read more »

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