Must Read Poet's Feelings Thoughts Motivation Shayari for Living Life - रास्तों को मंज़िलों से मिलाया हैं मैंने....

रास्तों को नई मंज़िलों से मिलाया है मैंने,
ज़िंदगी के उल्फतो को अज्जियत से मिलाया है मैंने।

पतवार को डुबाकर, नाव को चलाया हैं मैंने,
इस किनारे को उस किनारे से मिलाया है मैंने।।

अंधेर नगरी को रौशनी से जलाया है मैंने,
इन काली रातों को जुगनुओं से मिलाया हैं मैंने।

वो कौन और क्या है?
इसका एहसास उन्हें बताया है मैंने,
उनकी गलतफहमी को आइनों से रू-ब-रू कराया हैं मैंने,

मशरुफियत से कुछ फुरसत निकाल कर,
आदमी को आदमी से मिलाया है मैंने।।

~मोhit


Post a Comment

सब हो जाएगा सही,
पर आज हो,ये ज़रूरी तो नहीं।
चिड़ियों की वो चहचहाहट,
काले बादलों कि गड़गड़ाहट,
मोर का वो पंख फैलाकर नाचना,
होगा सब फिर से वही,
पर आज हो,ये ज़रूरी तो नहीं।
वो कलियों का खिलना,
भौरों का उनसे मिलना,
रात में जुगनुओं का चमकना,
आकाश में चांद का उगना,
और बहेगी फिर से स्वच्छ नदी,
पर आज हो,ये ज़रूरी तो नहीं।
ये अंधेरा भी दूर हो जाएगा,
इंसान फिर से मुस्काएगा,
आंखों में नई ऊर्जा के साथ,
करेंगे फिर प्रकृति का विकास,
फिर से होगी नई रोशनी,
पर आज हो,ये ज़रूरी तो नहीं।

... शुभम्

My pleasure sir☺️☺️☺️☺️

Thank for supporting 🙏

Total Pageviews

[blogger]

Contact Form

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.
Javascript DisablePlease Enable Javascript To See All Widget