October 2020

हाँ मुझे सम्भलने में थोड़ा वक़्त लगा,माहौल में ढलने में थोड़ा वक़्त लगा।कोशिश, अच्छी की उसने जलाने की,मगर मुझे, जलने में थोड़ा वक़्त लगा।कागज़ की नाव में सवार मेरी ख्वाहिशें,नाव को गलने में थोड़ा वक़्त लगा।ऐस...Read more »

अगर चाँद  से गुफ़्तगू करने बैठे,तो तारे बाते बनाने लगेंगे।ये जो लोग साथ चल रहे हैं,यहीं कल हमको समझने लगेंगे।।जब अंधेरों से जी भर जायेगा मेरा,तो उजाले&...Read more »

Total Pageviews

4944

Contact Form

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.
Javascript DisablePlease Enable Javascript To See All Widget