अब यूँ फिर कभी मुलाकात न होगी
अब यूँ फिर कभी मुलाकात न होगी
शायद, अब यूँ फिर कभी मुलाकात न होगी,
सोचा न था कभी कि फिर बात न होगी।
तेरा मुस्कुराना और घबराके दांतों से लबो का दबाना,
याद है मुझे सब लेकिन अब फिर वो रात न होगी।।
माना दुविधा में हो आज,
दोनों की राहें जो जुदा होगी।
पर घबराओ मत जी लूंगा,
पर इस सफ़र में तुम साथ न होगी।।
रिश्ते बनते ही टूट जाने का ग़म मैं जानता हूँ,
किसी की ज़िंदगी मुझ जैसी अकस्मात न होगी ।।
#मोHit_Iyer
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